दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की तारीखों का एलान चुनाव आयोग द्वारा कर दिया गया हैं। 2689 मतदान केंद्र में 90 हज़ार कर्मचारियों की निगरानी में लगभग 1.46 करोड़ मतदाता 8 फरवरी 2020 को मतदान कर सकेंगे। परन्तु रोचक तथ्य ये है कि दिल्ली में 2015 में प्रचंड ऐतिहासिक जीत यानी कि 70 में 67 सीटें जितने वाली आम आदमी पार्टी पुनः प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब होगी? या केंद्र की पूर्ण बहुमत वाली, दिल्ली की 7 लोकसभाओं में से 7 पर जीत हासिल करने वाली तथा नगर निगम में अपनी सरकार बनाने वाली भाजपा सरकार दिल्ली की 'आप' पार्टी को इस बार मात देने में कामयाब होगी? या फिर हाल ही में महारष्ट्र व झारखण्ड में सत्ता की सहयोगी कांग्रेस पार्टी इस बार दिल्ली में अपना कद बचाने में सफलता प्राप्त कर पाएगी। दरअसल, दिल्ली में मुकाबला भले ही त्रिकोणीय माना जा रहा हो, ओपिनियन पोल के अनुसार दिल्ली में आप पार्टी को मात्र भाजपा भले ही चुनौती देने के लिए तैयार है, मगर दिल्ली में पोल के अनुसार लोकप्रिय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही हैं। खैर, इसका मुख्य कारण यह भी है कि भाजपा ने अभी तक मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं दिखाया और हो सकता है कि बिना मुख्यमंत्री के नाम पर ही चुनाव लड़ें तथा कांग्रेस तो इस चुनाव में मात्र अपना कद बचाने के लिए ही चुनाव लड़ रहीं है क्योंकि दिल्ली के दिल में कांग्रेस इस वक्त दूरदराज ही है। साथ ही यह सब मनगढ़ंत 8 फरवरी को समस्त दिल्लीवासी तिजोरी में बंद कर देंगे तथा यह सब 11 फरवरी यानी मतगणना दिवस पर साफ हो जाएगा कि आखिर हिंदुस्तान के दिल दिल्ली में कौन सी पार्टी सत्ता प्राप्त करेगी। साथ ही रोचक यह रहेगा कि सत्ता प्राप्त करने वाला राजनैतिक दल जन सेवा या जन विरोधी सेवा करने में सफलता प्राप्त कर सकेगा?
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