23 सितंबर को झारखंड के रांची से विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा देने वाली 'आयुष्मान भारत योजना' की शुरुआत की गई। आयुष्मान योजना का उद्देश्य है कि उन गरीब लोगों का उपचार करना जो लोग गरीबी के कारण स्वास्थ्य उपचार नहीं करवा सकते थे। ऐसे में यह योजना स्वास्थ्य जगत में काफी फायदेमंद साबित होगी क्योंकि आयुष्मान योजना के तहत गरीब-वर्ग के लोगों का ध्यान रखा गया है। इस योजना से 50 करोड़ से ज्यादा भारतीयों को 5-5 लाख का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। साथ ही 50 करोड़ से ज्यादा लोग इस योजना से लाभान्वित होंगे जोकि यह एक सकारात्मक पहल है। इस योजना की विशेष बात यह है कि इसका सारा लेनदेन डिजीटल है। इस कारण सभी राशन कार्ड परिजन, मरीज का उपचार बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए अन्य राज्यों में भी आसानी से करवा सकते है।
दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना इसलिए है कि अभी तक किसी भी देश ने सरकारी फंड से इतनी बड़ी पहल स्वास्थ्य जगत में कभी नहीं की है। ऐसे में यदि अमेरिका और कनाड़ा जैसे बड़े देशों की आबादी जोड़ ली जाए तो भी आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या अत्यधिक होगी। सबसे बड़ी बात अब ये भी है कि अब किसी भी गरीब-वर्ग के लोगों को किसी व्यापारी या साहूकारों के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं है। साथ गरीब-वर्ग के लोग भी अब साहू-वर्ग के लोगों की तरह निजी अस्पतालों में उपचार करने के हकदार होंगी। ऐसे में भारतीय सन्दर्भ में आयुष्मान भारत योजना एक सराहनीय पहल है। इस योजना का प्रचार हर पहलू और हर मोड़ से होना चाहिए ताकि प्रत्येक नागरिक इस मुहिम का लाभ उठा सकें। परन्तु प्रश्न यह है कि क्या यह योजना सुचारु रूप से चल सकेंगी? या इसमें भी एजेंट अपना वर्चस्व बना लेने में सफल होंगे? इस सभी कुरीतिओं से निपटने के लिए भी सरकार को कड़े इंतेज़ाम करने चाहिए ताकि ये मुहिम सुचारु रूप से चल सकें। मगर सरकार द्वारा इस मुहिम को लागू करना स्वास्थ्य जगत में एक सकारात्मक पहल है। भारत सरकार द्वारा भविष्य में ऐसी और मुहिमों को लागू करना होंगा ताकि जन-जागरूकता को बढ़ावा मिल सकें।