Monday, 4 June 2018

कैसे घटे प्लास्टिक प्रदूषण, सुंदर बनें पर्यावरण?

प्लास्टिक के इस्तेमाल से मानव और जानवर के जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है। साथ ही अधिक मात्रा में पर्यावरण दुष्ट होता हैं। ऐसे में वर्तमान सन्दर्भ में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाना अनिवार्य हो गया हैं। निचले स्तर पर भी प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगना अनिवार्य हो गया हैं। जैसे - सब्ज़ी मंडी में पॉलीबैग का इस्तेमाल होना आदि। जर्मन और दक्षिण कोरिया विश्व में ऐसे देश है जो सबसे ज्यादा मात्रा में कचरे को पुनः प्रयोग करते हैं, ऐसे में हमें इन देशों से सीख लेनी होंगी। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों ने प्लास्टिक रोकने के लिए कड़े कानून का प्रावधान किया हुआ है। प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए भारत की सभी राज्य सरकारों को भी कड़े कानून का प्रावधान करना होगा ताकि प्लास्टिक का प्रयोग कम किया जाए। प्लास्टिक रोक के लिए सभी भारतीयों को एकजुट होना होगा। 'द गार्जियन' अंग्रेजी अखबार के एक लेख के अनुसार विश्व में प्रत्येक मिनट में लाखों की संख्या में प्लास्टिक की बोतलें खरीदी जाती हैं।  भारत में भी सर्वाधिक बोतल वाली प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है ऐसे में सभी कंपनियों को प्लास्टिक की बोतलों से कमाई रोकनी चाहिए ताकि उपभोक्तावाद प्लास्टिक बोतलों को न खरीदें। साथ ही प्लास्टिक का प्रयोग दुकानदारों के द्वारा भी किया जाता हैं। ऐसे में सभी दुकानदारों को प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े के बैग को प्रयोग में लाना चाहिए। विक्रेताओं के साथ उपभोक्तावाद को भी इनका साथ देना होगा सभी उपभोक्तओं को ख़रीदारी करने के लिए अपने साथ एक कपड़े का थैला ले जाने की आदत डालनी होगी। इससे भारी मात्रा में प्लास्टिक पर रोक लगेंगी। भारत के झारखंड और हिमाचल राज्यों में जिस तरह प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध हैं और हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने भी प्लास्टिक पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। ऐसे में भारत की सभी राज्य सरकारों को प्लास्टिक के प्रयोग को प्रतिबंधित करना चाहिए ताकि प्लास्टिक प्रदूषण कम हों, और सुंदर पर्यावरण बन सकें।

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