Thursday 7 June 2018

मोदी सरकार की परीक्षा, क्या खोया और क्या पाया?

मोदी सरकार 2014 यानी जब से सत्ता में आई है तब से अबतक कई अहम फैसले ले चुकी हैं। जिसका जनता को समर्थन करना स्वाभाविक हैं। सबसे पहले मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन को लक्ष्य बनाया, इस पर आज भी कार्य बरकरार हैं। इसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक के द्वारा ये स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सेना किसी भी विकसित देश से कम नहीं है। मोदी सरकार ने कालेधन पर निरंकुश लगाने के लिए नोटबन्दी की, यह अहम निर्णय सरकार द्वारा लिया गया। हाल ही में चर्चा में रहा तीन तालाक का बन्द होना, मोदी सरकार की कामयाबी मानी गई। साथ ही मोदी सरकार ने योगा को भी बढ़ावा दिया। मोदी सरकार ने तमाम योजनाएं चलाई। इससे तमाम लोगों और समाज को लाभ भी हुआ, जैसे- जन धन योजना, नमामि गंगे प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आदि। अबतक चार साल के भीतर लगभग 60 योजनाओं को सरकार द्वारा लागू किया जा चुका हैं।

 इसके विपरीत यदि सरकार की खामियों की बात करें तो मोदी सरकार चार साल बाद अपने अहम चुनावी वादों पर खरी नहीं उतरीं, जैसे- अच्छे दिन से लोगों को उम्मीद थी कि अधिक आय होगी, बेहतर सुरक्षा होगी, महिलाओं की सुरक्षा, मंहगाई कम होगी, बेहतर शिक्षा होगी, भूमि अधिग्रहण आदि जैसे अहम मुद्दों पर मोदी सरकार असफल रहीं। अब देखना यह होगा कि 2019 के आम चुनाव से पहले मोदी सरकार जनता को अपने चुंगल में फसा पाएंगी या खुद फस जाएंगी। अगर सरकार का रवैया यहीं रहा तो 2019 का दंगल जितना भाजपा के लिए मुश्किल हो सकता हैं।

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