Sunday 3 February 2019

हाजीपुर ट्रैन हादसे के बाद तमाम प्रश्न?

बिहार के जोगबनी से आनंद विहार(दिल्ली) स्टेशन तक चलने वाली सीमांचल एक्सप्रेस के पटरी में दरार होने के कारण, आधी रात को हाजीपुर में लगभग 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में मृतकों की संख्या 7 बताई जा रही है। वही लगभग 25 लोग गंभीर रूप से घायल है। ये दोनों आँकड़ें बढ़ सकते है। प्रत्येक ट्रैन हादसा होने के बाद रेलवे द्वारा आगे रेल हादसे न होने के आश्वासन दिए जाते है। इस हादसे के पीछे साजिश बताई जा रही है। आखिर ये साजिश है तो ये साजिश रची कैसे गयी? इसका जिम्मेदार कौन? यदि ये रेलवे की लापरवाही है तो कितनी बड़ी लापरवाही कैसे? आखिर कबतक होते रहेंगे ट्रैन हादसें? क्या मृतकों के परिजनों को मुआवजा देकर, क्या उनकी घर की खुशहाली वापसी आ सकती है? ऐसी बड़ी लापरवाही हर ट्रैन हादसों में होती है मगर इस हादसों को राजनीति का मुद्दा बनाकर छोड़ दिया जाता है। ऐसे मुद्दे मात्र राजीनीति में ही बने रहते है। 2-4 दिन बाद इस खबर की कोई जानकारी नहीं मिल पाती।

सदैव ट्रैन हादसों के बाद जांच की जाती है। बिना हादसे के क्यों नहीं जांच होती? क्या रेलवे जांच प्रक्रिया शुरू करने के लिए ट्रेन हादसे का इंतजार करता है? रेलवे विभाग से अनुरोध है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख़्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि तमाम लोगों की जान बच सके और बड़े व छोटे हर तरह के ट्रैन हादसों पर रोक लगाई जा सकें।

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