वर्तमान समय में भारत के बड़ें महानगर प्रदूषण की मार झेल रहे है। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक से चलने वाहनों को भारत जैसे देश में जल्द लाना चाहिए ताकि महानगर प्रदूषणमुक्त हो सकें। इसके लिए भारत बहुत तेज़ी से ई-वाहनों को भारी मात्रा में सड़क पर लाने की तैयारियां कर रहा है। कई मायनों तक भारत मे ई-वाहनों का प्रचलन काफी कारगर साबित होगा, जिसके लिए भारत पूरी तैयारी में है। भारत सरकार ने परमिट से सम्बंधित आवश्यकताओं में साहूलियत देने का फैसला किया है। इसके सन्दर्भ में केंन्द्र सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक से चलने वाले वाहनों को परमिट लेने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। भारत सरकार ई-वाहन को तवज्जों देने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग तथा कई शहरों में प्रति तीन किलोमीटर की दूरी के बाद पर एक चार्जिंग स्टेशन तैयार करने की नीति बना रहीं है। परन्तु ऐसा कोई निश्चित समय नहीं बताया कि ये योजना कब तक पूरी हो पाएंगी? साथ ही सबसे पहले ई-वाहनों को चलाने के लिए भारत के 11 शहरों को चुना गया है। सरकार ने ई-वाहनों को विशेष हरित लाइसेंस प्लेट की अनुमति दी है। ऐसे में निजी ई-वाहन के लिए नम्बर प्लेट सफेद रंग और कमर्शियल ई-वाहनों के लिए पीली नम्बर प्लेट पर काले रंग से अंक लिखने अनिवार्य होंगे। साथ ही 16-18 आयुवर्ग के लोगों को ही ई-वाहन चालक बनाने का विचार बना रहीं है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि केंद्र सरकार सभी टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली कम्पनियों को वर्ष 2020 तक अधिक मात्रा में ई-वाहनों को सम्मिलित करने का विचार बना रहीं है।
पिछले वर्ष यानी 2017 में जितने ई-वाहनों की बिक्री हुई है, उतनी तो सम्पूर्ण भारत मे प्रतिदिन वाहनों की बिक्री होती है। परंतु इस वर्ष जितनी तेजी से भारत ने ई-वाहन के क्षेत्र में तेजी से प्रयास किया है उससे कुछ सालों बाद ई-वाहन की बिक्री में तेज़ी आना सम्भव है। बिक्री में वृद्धि के लिए सर्वप्रथम बड़ी निजी टैक्सी सेवा कंपनियों को भी जल्द ही ई-वाहनों को प्राथमिकता देकर सड़कों दौड़ाना चाहिए। ऐसे में पर्यावरण के क्षेत्र में सराहनीय पहल को बढ़ावा दिया जा रहा है। विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के सबसे ज्यादा शहर आते है। ऐसे में इस तैयारियों को शीघ्र कर ई-वाहनों को सड़क पर भारी मात्रा में दौड़ा देना चाहिए ताकि भारत के प्रदूषण वाले शहर प्रदूषणमुक्त हो सके।
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